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31/07/2017

बाढ़ संभावित इलाकों को नुकसान से बचाने के लिए स्थाई समाधान किया जाएगा।

जालोर/सिरोही/जयपुर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश के बाढ़ संभावित इलाकों को नुकसान से बचाने के लिए स्थाई समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे कई जिले हैं जहां बार-बार बाढ़ के हालात उत्पन्न होते हैं और जन जीवन प्रभावित होता है। ऐसे सभी जिलों को बाढ़ से बचाने के लिए स्थाई हल निकाला जाएगा। मुख्यमंत्री सोमवार को जालोर और सिरोही में पत्रकारों को सम्बोधित कर रही थीं।
श्रीमती राजे ने कहा कि 24-25 जुलाई को बाढ़ की स्थिति बनते ही मैंने प्रभावित इलाकों में प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिवों को भेज दिया था, जो वहां लगातार पीड़ितों से मिल रहे हंै और राहत एवं बचाव कार्यों में मदद कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, सीआरपीएफ एवं होमगार्ड पूरी मुस्तैदी से रात-दिन राहत एवं बचाव कार्य चला रहे हैं।
जहां कहीं भी लोगों के पानी में फंसे होने और आवश्यक वस्तुओं की कमी की सूचना मिल रही है, राहत एवं बचाव दल पीड़ितों तक तत्काल पहंुच रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 11 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वायु सेना के हेलिकाॅप्टर के माध्यम से 42 लोगों की जानंे बचाई गई हैं।

cm visit in sirohi
मुख्यमंत्री ने जालोर एवं सिरोही में बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत देने के लिए पोस मशीनों के बजाय आॅफलाइन व्यवस्था से राशन सामग्री के वितरण के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी करवाकर शीघ्र रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए ताकि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से शीघ्र सहायता राशि प्राप्त की जा सके। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को एक्स-गे्रशिया अनुदान के रूप में 3800 रुपये की राशि आॅफलाइन वितरित करने को कहा।
राजे ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन करने की अन्तिम तिथि को 31 जुलाई से 1 माह और बढ़ाने के लिए राज्य सरकार केन्द्र को आग्रह करेगी। उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे लोगों तथा विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को भोजन तथा पानी का समुचित प्रबन्ध करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ग्रस्त गांवों में चिकित्सा दल भेजने तथा प्रभावितों को अविलम्ब आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने को कहा।
राजे ने जालोर को आहोर से जोड़ने वाली सड़क पर क्षतिग्रस्त साकरना पुलिया का निरीक्षण किया। उन्होंने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इस पुलिया सहित क्षतिग्रस्त सड़कों एवं अन्य पुलियाओं की मरम्मत का काम और तेज करने के निर्देश दिए ताकि आवागमन शीघ्र सुचारू किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां-जहां भी बिजली, जल आपूर्ति, संचार की व्यवस्था प्रभावित हुई है, उन्हें तुरंत बहाल किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बाढ़ की चपेट में आई गौशालाओं में गोवंश के इलाज के बेहतर इंतजाम किए जाए। जान-माल और पशुधन के नुकसान पर मुआवजा तत्काल वितरित कर पीड़ितों को राहत प्रदान की जाए।
उन्होंने राहत एवं बचाव दलों और स्थानीय नागरिकों का आपदा पीड़ितों की मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने विभिन्न माध्यमों से आर्थिक मदद मुहैया करा रहे सामाजिक संगठनों एवं भामाशाहों का आभार व्यक्त किया।
जालोर में हेलीपेड पर हुई राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक में सांसद देवजी पटेल, विधायक श्रीमती अमृता मेघवाल, जिला कलक्टर  एलएन सोनी, पुलिस अधीक्षक  विकास शर्मा सहित जन प्रतिनिधि एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
सिरोही में समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री  राजेन्द्र राठौड़, गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, सांसद देवजी पटेल, उपमुख्य सचेतक मदन राठौड़, विधायक  ज्ञानचन्द पारख, जगसीराम कोली, समाराम गरासिया, जिला प्रमुख श्रीमती पायल परसरामपुरिया, जिला कलक्टर श्री संदेश नायक, पुलिस अधीक्षक श्री ओम प्रकाश सहित जनप्रतिनिधि एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने जालोर एवं सिरोही में अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों का दर्द मेरा दर्द है, उनके आंसू मेरे आंसू हैं। उन्हें अतिशीघ्र राहत पहुंचाना मेरी पहली प्राथमिकता है, इसमें किसी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राजे ने कहा कि जब से प्रदेश के ये जिले भारी बारिश के कारण प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे है तब से वे एक क्षण के लिए भी लोगों की तकलीफ से खुद को दूर नहीं कर पाईं हैं और राहत-बचाव कार्यों की पल-पल जानकारी ले रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 जुलाई को मैंने वीडियो काॅन्फ्रेंस से जिला कलक्टरों एवं अन्य अधिकारियों को पूरी सजगता एवं सक्रियता से आपात स्थितियों से निपटने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा कि गत शनिवार को भी वे बाढ़ प्रभावित लोगों की तकलीफ जानने निकली थी, लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलिकाॅप्टर आगे नही जा सका और न चाहते हुए भी वापस लौटना पड़ा।
राजे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हालात का हवाई सर्वेंक्षण करने के बाद कहा कि जयपुर में खराब मौसम होने के बावजूद आज फिर से वे बाढ़ पीड़ितों की तकलीफ जानने के लिए पहंुची है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा की इस घड़ी में पीड़ितो के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद की जा रही है।
मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान सिरोही हवाइ्र पट्टी पर कई भाजपाइयों को शुरू में रोक दिया गया। जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी की गाडी को अंदर नहीं जाने दिया गया। बाद में कलक्टर के हस्तक्षेप से उनकी गाडी को हवाई पट्टी परिसर में ले जाने दिया गया।

minister incharge rajendra rathode moving by foot towards air strip in sirohi
इस बार मुख्यमंत्री के आगमन पर जरूरत से ज्यादा सजगता बरतते हुए भाजपाइयों को ही नहीं वरन बडे नेताओं के साथ भी सख्ती से पेश आया गया। हवाई पट्टी पर स्थानीय जनप्रतिनधि गाडियां ले जाने लगे तो पुलिस ने सख्ती करते हुए गाडियों को वहां नहीं जाने दिया।
इतना ही नहीं वायरलेस पर एएसपी का संदेश भी प्रसारित हुआ, जिसमें प्रभारी मंत्री को छोडकर किसी भी व्यक्ति के वाहन को हवाई पट्टी तक नहीं ले जाने देने के निर्देश दिए गए। यह बात अलग है कि प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड भी इस आदेश के बारे में जानने के बाद स्थानीय नेताओं के साथ हवाई पट्टी तक पैदल ही गए। इनके विपरीत स्थानीय नेता भी मुख्यमंत्री के सुरक्षा के इंतजामों के आगे सत्ता का रौब झाडते हुए पुलिस वालों पर आदेशों की पालना करने पर गुस्सा दिखाते दिखे।

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